जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं। GST Registration Process
GST लागू होने के साथ ही देश भर में सारे Business अब नए नियम-कानून के मुताबिक होने शुरू हो गए हैं। सामान या सेवाओं की बिक्री-खरीद से लेकर सौदों पर Tax जमा करने तक का हिसाब Online रखा जाना है। उनकी निगरानी, जुर्माना, कार्रवाई भी Online हो गई है। इस नए System में अगर आप Business करना चाहते हैं तो GST Registration भी लगभग जरूरी हो गया है। लगभग इसलिए क्योंकि कुछ Business जीएसटी के दायरे से बाहर रखे गए हैं। बहरहाल अगर आपका कारोबार GST Registration के दायरे में आता है तो आप इस सिस्टम में Entry कैसे पा सकते हैं, यानी कि आपका GST Registration कैसे होगा, आइए जानते हैं।
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किसे कराना है जीएसटी रजिस्ट्रेशन| Whom To Register Under GST
जिन कारोबारियों के बिजनेस GST के पहले मौजूद Tax कानूनों मसलन केन्द्रीय एक्साइज कानून, सर्विस टैक्स कानून, केन्द्रीय विक्रीकर अथवा राज्य वैट कानून के तहत Registered थे उनको PAN नंबर के आधार पर सीधे GST में Migrate करके Registration Number दे दिया गया। जो इन नियमों के तहत Registered नहीं थे, और उनका कारोबार GST Registration केे दायरे (20 लाख का सालाना टर्न ओवर) में है, उन्हें GST Registration के लिए अप्लाई करना है। साथ ही नए कारोबारी भी, जो इन क्षमताओं के साथ Business शुरू करते हैं उनके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। नियमानुसार, जैसे ही आपका business जीएसटी के दायरे में आ जाए, उसके 30 दिन के भीतर Registration के लिए आवेदन करना जरूरी है।
Note: एक बार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बन जाने पर यह permanent हो जाएगा। जब तक कि इसे आपकी तरफ से surrender नही किया जाता, या नियमों के गंभीर उल्लंघन पर cancelled या suspended या वापस नहीं लिया जाता आपका सर्टिफिकेट मान्य होगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन किसके लिए जरूरी | GST Registration Is Mandatory For
जिन कारोबारियों का सालाना Turn Over 20 लाख रुपए से अधिक है उन्हें GST के तहत Registration करवाना अनिवार्य है। पूर्वोत्तर के राज्यों के कारोबारियों के लिए सालाना Turn Over की Limit 10 लाख रुपए ही रखी गई है। अगर आप इस Limit में आते हैं तो आप जो भी माल या सेवा की Supply करेंगे, सब पर आपको GST लेकर सरकार को देना होगा।
Note1: यहां Turn Over का मतलब पूरे देश में किए जा रहे पूरे कारोबार से है। अगर एक ही व्यक्ति के Ownership में दो अलग-अलग Places या दो अलग-अलग States में बिजनेस किया जा रहा हो तो भी इसे Business को एक ही unit के अंतर्गत माना जाएगा।
Note2: North-East के जिन राज्यों के कारोबारी 10 लाख के Turn Over वाली सीमा में आते हैं वे हैं Assam, Arunachal Pradesh, Nagaland, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Tripura, Sikkim, Jammu & Kashmir, Himachal Pradesh और Uttarakhand।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी क्यों | Benefits From GST Registration
GST के तहत Registration करवाने के बाद ही आपको वस्तुओं और सेवाओं के Supplier के रूप में कानूनी मान्यता मिल सकेगी। आपको अपने माल या सेवाओं के खरीदारों से GST के तहत Taxजमा करने और फिर बाद में उसे अपनी खुद की खरीद में दिए चुकाए गए GST से Adjust करने की सहूलियत मिल सकेगी। इस तरह से आप अगर अंतिम Consumer नहीं हैं तो जिस भी स्तर पर आपने GST चुकाया है, वह Adjustment के रास्ते सरकार से आपको वापस मिल जाएगा। अगर आप जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दायरे में आते हैं तो आपको अपनी कंपनी या प्रतिष्ठान के बोर्ड और बिल पर जीएसटी नंबर का उल्लेख भी करना अनिवार्य होगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट किसे |Exempted From GST Registration
20 लाख रुपये से कम का सालाना Turn Over वाले कारोबारी GST के दायरे में नहीं आएंगे। अगर आप किसी ऐसी वस्तु या सेवा का कारोबार से जुडे हैं जो GST Act के तहत टैक्स से छूट प्राप्त है तो आपको GST में Registration कराने की जरूरत नहीं है।
इन स्थितियों में भी कराना होगा जीएसटी में रजिस्ट्रेशन|
GST Registration Also Mandatory For Followings
आपका सालाना Turn Over 20 लाख रुपए से कम है और आपकी आमदनी Taxable Income में आती है तो भी कुछ स्थितियों में आपको GST Registration करवाना अनिवार्य है। ये स्थितियां कौन सी हैं आइए जानते हैं।
अंतरराज्यीय आपूर्तिकर्ता |Persons Doing Inter-State taxable supply
अगर आप वस्तुओं और सेवाओं की एक State से दूसरे Stateमें Supply करते हैं। साथ ही आपकी आमदनी Taxable Income की सीमा में आती है तो भी आपको GST Registration करवाना जरूरी होगा। भले ही आपका सालाना Turn over 20 लाख रुपए से कम क्यों न हो।
यदा-कदा व्यापार करने वाले|Casual Taxable Person Doing Taxable Supply
इस Category में ऐसे लोग आते हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर Business तो करते हैं लेकिन उनके माल या सेवाओं के Supply करने का कोई निश्चित स्थान न हो। वह अनुकूल अवसरों के मुताबिक अपना Business करता हो। उदाहरण के लिए दीपावली के आस-पास अस्थायी रूप से पटाखों का कारोबार, रक्षाबंधन के आसपास राखियों का Business या होली के दौरान रंगों और पिचकारियों आदि का Business करने वाले। इनकी भी आमदनी अगर Taxable हो तो उन्हें भी GST Registration करवाना अनिवार्य है
अनिवासी करयोग्य व्यक्ति| Non-Resident Taxable Person Doing Taxable Supply
Non-Resident Taxable Person उसे माना गया है जो भारत से बाहर किसी Country में रहता है। यहां न तो उसका स्थायी Residence है और न ही स्थायी व्यावसायिक स्थान यानी Office है। वह कभी-कभी भारत में आकर लेन-देन कर जाता है। वह Tax भरने वालों की Category में भी है। ऐसे कारोबारियों को भी GST Registration करवाना अनिवार्य है।
करयोग्य व्यक्ति की ओर से आपूर्ति करने वाले| Person Doing Taxable supply on behalf of other
अगर आप किसी अन्य कारोबारी के Agent के रूप में माल एवं सप्लाई करते हैं। उसका कारोबार GST Registration की पात्रता में आता है तो आपको भी GST Registration लेना अनिवार्य है। इस श्रेणी में Agents, Brokers, Dealers इत्यादि आते हैं।
Input Service Distributor
जीएसटी में Input Service Distributor को किसी माल या सेवाओं के Supplier के Office के रूप में परिभाषित किया गया है। ये मुख्य कार्यालय, Administrative Office, Corporate Office , Regional Office, डिपो और अन्य प्रकार के हो सकते हैं। ऐसा उस स्थिति में होता है जब सामान कई जगह बनता हो, लेकिन उसकी Billing कहीं एक जगह पर ही हो रही हो। इन्हें Tax Challan के कवर के तहत Input Tax Credit का अधिकार भी होता है। अगर ये Taxable Person से संबंधित हैं तो GST Registration कराना अनिवार्य है।
अपने ब्रांड नाम के तहत सेवाएं देने वाले एग्रीगेटर| The Aggregators Giving Service On Their Brand Name
Aggregator की श्रेणी में वे Companies आती हैं जिनके Business में न तो उनके खुद के Staff होते हैं, न उनका खुद का सामान होता है। सिर्फ उनके ब्रांड नेम पर कारोबार होता है। जैसे Ola,Uber आदि। इनमें गाडियां किसी और की, सेवा लेने वाला कोई और। कंपनी सिर्फ दोनों पक्षों को एक दूसरे की सुविधाएं लेने का Platform उपलब्ध कराती है और अपना Commission लेती है।। इन्हें भी GST Registration करवाना अनिवार्य है।
टीडीएस कटौती हेतु जिम्मेदार व्यक्ति| Persons Who Deducts Tax
ऐसे कारोबारी जिनकी सालाना आमदनी Income Tax Act के सेक्शन 37 के तहत पहले से टैक्सेबल है,उन्हें भी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। भले ही उनका टर्न ओवर सालाना 20 लाख रुपए से कम हो। सेक्शन 37 में आमदनी “Profits and Gains of Business or Profession शीर्षक के तहत Tax कटौती के योग्य होती है।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर | E-Commerce Operator
अगर आप Electronic Commerce (वस्तुओं एवं सेवाओं का ऑनलाइन बिजनेस) Plate form पर अपना कारोबार कर रहे हैं तो GST Registration करवाना अनिवार्य है। चाहे आपके बिजनेस का Turn Over कितना ही कम-ज्यादा क्यों न हो। Electronic Commerce या Digital Business से किसी भी रूप में जुडा व्यक्ति चाहे वह उसका Owner हो, Manager हो या Operator हो, सभी इस Category में आते हैं।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता| Supplying through E-Commerce Operator
अगर आप किसी E-Commerce कंपनी के मालिक या संचालक न भी हों और उसके माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की Supply करते हैं तो आपको GST Registration करवाना अनिवार्य है।बशर्ते कंपनी के संचालक की ओर से आपके माल पर GST नहीं वसूला जा रहा है।
ऑनलाइन सूचनाओं और डाटाबेस सेवाओं का बिजनेस करने वाले| Supplying Online Information and Database Access Or Retrievel-OIDAR Services?
इंटरनेट आधारित सेवाएं, प्रोडक्ट, कंटेट आदि का कारोबार करने OIDAR Services की श्रेणी में आता है। इनको भी जीएसटी रजिस्टे्शन करवाना अनिवार्य है, भले ही उनका टर्नओवर कितना भी कम—ज्यादा क्यों न हो। इस कैटेगरी में आने वाले कुछ कामों का उदाहरण हम समझने के लिए यहां दे रहे हैं।
जीएसटी रजिस्टर्ड बिजनेस का ट्रांसफर या उत्तराधिकार पाने वाले| Transferee or Successor of a Business Under GST
आपको कोई ऐसा Business ट्रांसफर के रूप में या उत्तराधिकारी के रूप में मिला है। वह पहले से GST Registration कें अंतर्गत रहा हो तो उस पर भी आपको नए सिरे से GST Registration करवाना अनिवार्य है।
रिवर्स चार्ज के तहत सर्विस टैक्स देने वाले| Taxpayer Under Reverse Charge
GST System में टैक्स जमा कराने की जिम्मेदारी माल या सेवा की Supply करने वाले की है। लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें GST जमा कराने की जिम्मेदारी माल या सेवा प्राप्त करने वाले पर ही होगी, न कि Supply करने वाले की। इस प्रकार के सौदों को Reverse Charge की श्रेणी में रखा गया है। इनके लिए भी GST registration करवाना अनिवार्य किया गया है। Reverse Charge को थोडा और बेहतर समझने के लिए नीचे दिए गए बिन्दुओं पर ध्यान दें।
- किसी प्रोफेशनल व्यक्ति की सेवा लेने (Service Import) में Reverse Charge की स्थिति बनती है। सेवा का खरीदार GST का भुगतान Supplier को न करके बल्कि डायरेक्ट Government को करता है।
- उदाहरण के लिए आपकी कोई Firm है। आपने किसी कानूनी काम के लिए किसी Advocate की सेवाएं लीं या फिर व्यावसायिक मार्गदर्शन के लिए किसी फाइनेंसियल प्लानर की सेवाएं लीं। ऐसे में जिस Value की सेवाएं आप लेंगे, उस पर निर्धारित Rate का GST भी आप ही को अदा करना होगा, न कि सेवा देने वाले को।
- GST के नियमों में कुछ ऐसी Services तय की गई हैं, जिनके उपयोग पर GST जमा करने का जिम्मा सेवा लेने वाले का होगा, न कि सेवा देने वाले का।
- इसके अलावा एक Partial Reverse Charge की स्थिति भी होती है, जिसमें GST के कुछ हिस्से की जिम्मेदारी सेवा लेने वाले की और बाकी की जिम्मेदारी सेवा देने वाली की होगी।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन के स्टेप्स| Steps For GST Registration
जीएसटी में Registration करवाना उतना ही आसान है जैसे किसी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में Admission के लिए Online Form भरना। आपके पास Internet की सुविधा होनी चाहिए , बस। घर बैठे या ऑफिस से ही अपना Online Registration पूरा कर सकते हैं। बस जरूरी दस्तावेज पास में रखिए,Computer या SmartFone खोलिए, जीएसटी पोर्टल www.gst.gov.in के वेबएड्रेस पर क्लिक करिए। कुछ आसान से स्टेप्स में आपका GST Registration पूरा हो जाएगा। आपकी पूर्व तैयारी के रूप में हम GST Registration की पूरी प्रक्रिया की Stepwise जानकारी यहां भी दे रहे हैं। तो आइए जानते हैं, कैसे होगा जीएसटी में Registration…STEP- 1
https://www.gst.gov.in/ पर क्लिक करते ही आपके सामने जो Page खुलता है, उस पर देखें कि क्या GST New registration की प्रक्रिया चालू है कि नहीं। प्रक्रिया नहीं चालू होगी तो उसकी आगे शुरू होने की तारीख लिखी होगी। प्रक्रिया चालू हो तो Form GST REG-01 को सेलेक्ट कर लीजिए।
STEP-2
Form GST REG-01 में सबसे पहले Part-A भरा जाएगा, जिसमें आपकी व्यक्तिगत Identity से जुडी कुछ जानकारियां भरने को कहा जाएगा। जैसे कि PAN, mobile number, E-mail ID आदि। इनको भरकर Submit कर दीजिए।
STEP-3
GST REG-01 का Part-A सबमिट होते ही GST Portal की ओर से सबसे पहले आपके PAN नंबर का वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए जो Mobile number और E-mail ID दिया है, उस पर एक OTP नंबर (one-time password) भेजा जाएगा। इसको portal में निर्देशित की गई जगह पर भरकर अपनी पहचान का Confirmation कर दीजिए।
Note: GST Portalसे आपका Mobile Number और Email Address का सत्यापन करते वक्त दोनों चीजों के लिए OTPनंबर अलग-अलग भेजे जाएंगे। ध्यान दें कि किसी एक का OTPदूसरे में न डालें वरना सत्यापन Fail हो जाएगा।
STEP- 4
Confirmation होते ही पोर्टल की ओर से आपको एक आवेदन संदर्भ नंबर (Application Reference Number-ARN) आपके Mobile Number और Email ID पर भेजा जाएगा। इस नंबर को नोट कर लें। इसी इस नंबर को फार्म के अगले भाग यानी Part-B मे भरा जाना है।
STEP-5
अब आपके सामने GST REG-01 का के Part-B आता है। इसमें आपकी पहचान और आपके Business से संबंधित जरूरी Documents की Copy जमा करने को कहा जाएगा। सभी Documents की कॉपियां Online ही जमा होनी हैं। सारे Documents लग जाने के बाद अपना ARN नंबर डालें और फॉर्म का Part-B सबमिट कर दें।
NOTE: Documents कौन—कौन से लगने हैं इसकी जानकारी भी हम यहां दे रहे हैं। बेहतर होगा कि Registration की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही ये Documents अपने पास रख लें।
- फोटोग्राफ| Photographs
इसमें आपको संबंधित बिजनेस के मालिक (Proprietor), भागीदारों Partners), प्रबंध ट्रस्टी (Managing Trustee) समिति (Committee) आदि के नवीनतम फोटोग्राफ लगाने हैं। साथ ही अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता (Authorized Signatory) का फोटोग्राफ भी लगाना है। - करदाता के संविधान| Constitution of taxpayer
पार्टनरशिप डीड (Partnership deed), पंजीकरण प्रमाणपत्र (Registration Certificate) या संविधान के अन्य सबूत (Other Proof of Constitution)। - व्यापार के प्रमुख परिसर/ अतिरिक्त जगह का सबूत Proof Of Principal/Additional place of business
स्वयं के परिसर के लिए (For Own Premises): परिसर के मालिकाना हक दिखाने वाला कोई डाक्यूमेंट जैसे कि नवीनतम संपत्ति कर रसीद (Latest Property Tax Receipt), नगर खाता कॉपी (Municipal Khata Copy) या बिजली के बिल (Electricity Bill) की कॉपी।
किराए पर या पट्टे पर परिसर के लिए(For Rental Premises): किराए / लीज़ समझौते के साथ मकान मालिक के दस्तावेजों जैसे नवीनतम Property Tax रसीद या नगर खाता नकल या Electricity Bill की Copy। - बैंक खाते से संबंधित सबूत|Bank Account Related Proof
बैंक Passbook के पहले Page की Scanned copy और bank statement। - प्राधिकरण फॉर्म्स|Authorization forms
प्रत्येक Authorized Signatory के लिए, Authority की Copy या निर्धारित Format में Committee या निदेशक मंडल के प्रस्ताव की एक Copy अपलोड करें।
उपर बताई गई सारी जानकारियों से संबंधित Documents लगाकर आप GST REG-01 के पार्ट बी की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं।
Note: जीएसटी आरईजी के Part-B को भरते वक्त जो Documents आप Online Submit करेंगे, उनको एकत्र करते वक्त उनके Format और Size का भी ध्यान रखें।
- सभी डाक्यूमेंटस PDF या JPEG फॉर्मेट में होने चाहिए।
- डाक्यूमेंट का Size 1 MB से ज्यादा नहीं होना चाहिए। फोटो की Size 100 KB से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
STEP 6
आपने जितनी Informations दे दी हैं इनके अलावा अगर कोई अतिरिक्त जानकारी आवश्यक हुई तो उनको मांगने के लिए पोर्टल पर आपके लिए फॉर्म GST REG-03 जारी किया जाएगा।
STEP 7
फॉर्म GST REG-03 प्राप्त होने की तारीख से 7 Working Days के अंदर आपको अतिरिक्त जानकारियां फॉर्म GST REG-04 में भरकर Submit करनी होंगी।
STEP 8
यदि आपने फॉर्म GST REG-01 या फॉर्म GST REG-04 में सारी अपेक्षित जानकारियां दे दी हैं तो फॉर्म GST REG-01 या फॉर्म GST REG-04 की प्राप्ति की तारीख से 3 दिनों के अंदर फॉर्म GST REG-06 में registration certificate जारी किया जाएगा।
STEP 9
यदि दिए गए Details संतोषजनक नहीं हैं, तो फॉर्म GST REG-05 के माध्यम से registration application reject कर दिया जाएगा।
इसके अलावा भी कुछ अन्य तरीके के Business से संबंधित Registration के लिए पोर्टल पर अलग फार्म आपको मिलेंगे। उनका संक्षेप में परिचय हम यहां दे रहे हैं।
फॉर्म सं.| Form No. | फॉर्म का प्रयोजन| Use Of Form |
GST REG-07 | Source पर Tax कटौतीकर्ता या Tax संग्रहकर्ता के रूप में Registration के लिए आवेदन करने के लिए |
GST REG-08 | Source पर Tax कटौतीकर्ता या Tax संग्रहकर्ता के रूप में Registration के लिए आवेदन का Cancellation आदेश |
GST REG-09 | United Nations की संस्थाओं/दूतावासों को Unique ID आवंटन के लिए आवेदन करने के लिए |
GST REG-10 | NRI Taxable व्यक्ति के Registration के लिए आवेदन करने के लिए |
जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर| GST Registration Number
आपका Registration पूरा होते ही आपको एक 15 अंकों का Identification Number मिल जाएगा। यह नंबर आपके PAN नंबर और आपके राज्य के Code पर आधारित होगा। इस नंबर की पहली दो संख्याएं आपके राज्य काCode और बाद की आपके PAN नंबर को शो करती हैं। इसके बाद दो Digit कारोबार करने वाली संस्था के Code के रूप में होंगी तथा एक अन्य डिजिट Check Some Character के रूप में होगी।
तीन तरह के खाते| Three Types of Ledgers
Registration के बाद GST के Common Portal पर आपका खाता खुल जाएगा। आपके नाम तीन तरह के Ledger दिखने लगते हैं।
- इलेक्ट्राॅनिक कैश लेजर| Electronic Cash Ledger
इसमें आपकी ओर से जमा की गई राशि दिखती रहती है - इलेक्ट्राॅनिक क्रेडिट लेजर | Electronic Credit Ledger
इसमें आपके नाम अनुमान्य Input Tax Credit (ITC)की राशि रखी रहेगी। - कर देयता की पंजी| Electronic Liability Ledger
इसमें जो आप GST अदा करते हैं, उसका ब्योरा दिखेगा
नोट: आप जरूरत पडने पर किसी एक अथवा दोनों Ledger से अपने Tax का भुगतान कर सकते हैं। लेकिन ब्याज, जुर्माना, शुल्क आदि का भुगतान Credit Ledger से नहीं कर सकते।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की फीस| GST Registration Fee
GST में Registration की कोई फीस नहीं है। आप खुद ही GST Portal पर जाकर Online रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। हां अगर किसी Professional से रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो उसकी अपनी Fee हो सकती है। इसके अलावा Registration के लिए आपको Aोdhaar कार्ड से जुडे OTP या क्लास 2 Digital Signature की जरूरत पडती है। अगर आप Digital Signature लेते हैं तो इसके लिए 1000 रुपए का खर्च पडता है।
रजिस्ट्रेशन न करवाने पर जुर्माना
Penalties for Not Registering
अगर आप GST में Registration के लिए Eligibility रखते हैं और Registration नहीं करवाते हैं तो आप पर Penalty भी लग सकता है। यह Penalty इस प्रकार से लगेगा.
- अगर आपने GST जमा नहीं किया है या खुद पर बन रहे GST की मात्रा से कम राशि जमा की है तो आपको खुद पर बनने वाले टैक्स से 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि Penaltyके रूप में देनी होगी।
- यह Penalty भी 10 हजार रुपए से कम नहीं हो सकती। मतलब यह कि Tax का 10 प्रतिशत और 10 हजार रुपए में से जो भी राशि ज्यादा बैठेगी, उसे आपको जमा करनी पडेगी।
- अगर आपने जानबूझकर Tax जमा न करने के दोषी पाए जाते हैं तो यह Penalty आप पर बन रहे Tax का 100 प्रतिशत तक होगी। यानी कि टैक्स का दो गुना भरना पडेगा।
- हालांकि अन्य genuine errors पर यह penalty आप पर बन रहे देय टैक्स का 10% ही होगा।
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम| GST Composition Scheme
छोटे कारोबारियों के लिए सरकार ने यह Facility प्रदान की है। अगर अगर आप सिर्फ माल का लेन-देन करते हैं, या Restaurant आदि चलाते हैं तो आप GST Composition Scheme अपना सकते हैं।
- आपका लेन-देन आपके State की सीमा के बाहर न होता हो और आपके Business का सालाना Turn Over 75 लाख रुपए से अधिक नहीं है।
- Composition Scheme अपनाने पर आपको कुल टर्नओवर का सिर्फ 2 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। GST के बहुत कम Rules का पालन करना होगा और ज्यादा Details भी नहीं रखने होंगे।
- Retailer, WholeSaler, Restaurant कारोबारी, MSME, Manufacturer आदि इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं।
- आपको सामान्य GST Registered व्यापारी की तरह हर महीने बिक्री, खरीद और टैक्स के रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। आपको बस हर तिमाही में एक Quarterly Return भरना होगा।
- साल के अंत में आपको एक Combined Return भरना होता है। इस प्रकार आपको साल भर में कुल 5 Return ही भरने होते हैं। जबकि सामान्य
GST Registered कारोबारी को साल भर में 37 Return भरने होंगे। - आपको Financial Year की तिमाही पूरी होने के बाद अगले महीने की 18 तारीख तक GSTR-4 के रूप में ये Quarterly Return दाखिल कर देने होंगे।
- आपका पांचवां Return फाइनेंशियल ईयर पूरा होने के बाद 31 दिसंबर तक GSTR-8 के रूप में दाखिल करना अनिवार्य होगा।
जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको जीएसटी भरना होता है। इसके अलावा जीएसटी का रिटर्न भी भरना जरूरी है।https://www.google.com/url?sa=t&source=web&rct=j&url=https://reg.gst.gov.in/registration/&ved=2ahUKEwiIm5il2tbkAhWGr48KHUxGCF8QFjAAegQIARAB&usg=AOvVaw036bNmyQ0txnLvGYJgg4U6
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